जैसा आप सभी जानते हैं | कि investing setup बिल्कुल जेनुइन इनफॉरमेशन प्रोवाइड करता है शेयर बाजार को लेकर एक बहुत मशहूर लाइन है –
“शेयर बाजार में 90% लोग पैसा खो देते हैं, 9% लोग ब्रेक-ईवन पर रहते हैं, और सिर्फ 1% लोग बड़ा मुनाफा कमाते हैं।”यह सुनकर नए निवेशकों का डर बढ़ जाता है। लेकिन क्या यह सच है? अगर सच है तो क्यों? और अगर झूठ है तो किस हद तक?
इस आर्टिकल में हम इसी सवाल का जवाब ढूंढेंगे – और साथ ही जानेंगे कि आप कैसे उस 1% या कम से कम टॉप 10% में आ सकते हैं।
1. यह 90% वाला आंकड़ा कहां से आया?
यह आंकड़ा किसी सरकारी रिपोर्ट में नहीं लिखा है, बल्कि यह एक अनुभव-आधारित आंकड़ा है।
ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग की दुनिया में यह देखा गया है कि लंबे समय में ज्यादातर लोग:
या तो अपना पैसा खो देते हैं,
या फिर बैंक FD से भी कम रिटर्न पाते हैं।
रिसर्च और ब्रोकर हाउसेज़ के इंटरनल डेटा बताते हैं कि डे-ट्रेडिंग में तो यह आंकड़ा 90% के करीब है, जबकि लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग में नुकसान का प्रतिशत काफी कम होता है।
2. लोग शेयर बाजार में पैसा क्यों खोते हैं?
2.1 जल्दी अमीर बनने की चाह
कई लोग सोचते हैं कि शेयर बाजार “जल्दी अमीर बनने का रास्ता” है।
वो बड़े-बड़े यूट्यूब थंबनेल और सोशल मीडिया पोस्ट देखकर बिना तैयारी के कूद जाते हैं।
> “बिना तैरना सीखे गहरे पानी में कूदना, और फिर डूबना – यही कई लोगों का स्टॉक मार्केट अनुभव है।”
2.2 ज्ञान की कमी
ज्यादातर लोग बेसिक फाइनेंशियल नॉलेज के बिना इन्वेस्टिंग शुरू कर देते हैं।
उन्हें:
कंपनी का बिज़नेस मॉडल समझ में नहीं आता,
बैलेंस शीट पढ़ना नहीं आता,
और रिस्क मैनेजमेंट के बारे में जानकारी नहीं होती।
2.3 ओवरट्रेडिंग
ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म का आसान होना भी नुकसान की वजह बन गया है।
बस मोबाइल उठाओ, बटन दबाओ और ट्रेड लगाओ।
लेकिन ज्यादा ट्रेड करना (ओवरट्रेडिंग) का मतलब है ज्यादा ब्रोकरेज, ज्यादा रिस्क और ज्यादा गलतियां।
2.4 इमोशंस पर कंट्रोल न होना
शेयर बाजार में लोभ (Greed) और भय (Fear) सबसे बड़ी दुश्मन हैं।
शेयर ऊपर जा रहा है → लालच में ज्यादा खरीदना।
शेयर नीचे जा रहा है → डर में बेच देना।
2.5 टिप्स और अफवाहों पर भरोसा
“फला कंपनी में पैसा लगाओ, अगले हफ्ते डबल हो जाएगा!”
ऐसी सलाह सुनकर कई लोग अपना मेहनत का पैसा गंवा बैठते हैं।
3. क्या वाकई 90% लोग पैसा खोते हैं?
सच यह है कि:
शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग (इंट्राडे, F&O) में 80-90% लोग लॉस करते हैं।
लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग में यह आंकड़ा काफी कम है – लेकिन वहां भी सही स्ट्रेटेजी और डिसिप्लिन जरूरी है।
भारत के SEBI डेटा के अनुसार, F&O (Futures & Options) में 89% से ज्यादा लोग लॉस करते हैं।
लेकिन अगर आप SIP या लॉन्ग-टर्म स्टॉक्स में निवेश करते हैं, तो जीतने वालों की संख्या बहुत बढ़ जाती है।
4. नुकसान से बचने के लिए 7 सुनहरे नियम
4.1 शिक्षा में निवेश करें
पैसा लगाने से पहले ज्ञान में निवेश करें।
स्टॉक मार्केट के बेसिक्स, चार्ट्स, फंडामेंटल एनालिसिस और रिस्क मैनेजमेंट सीखें।
4.2 रिस्क मैनेजमेंट अपनाएं
कभी भी अपनी पूंजी का 2-5% से ज्यादा एक ट्रेड में रिस्क पर न लगाएं।
“पूंजी बची तो खेल जारी है।”
4.3 लॉन्ग-टर्म सोच रखें
अगर आप वॉरेन बफेट जैसे बनना चाहते हैं, तो शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग के बजाय लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग अपनाएं।
4.4 इमोशंस पर कंट्रोल
एक ठंडे दिमाग से फैसला लें।
अगर आप लालच और डर से प्रभावित होंगे, तो घाटा पक्का है।
4.5 ओवरट्रेडिंग से बचें
कम ट्रेड, लेकिन क्वालिटी ट्रेड।
ज्यादा ट्रेड का मतलब ज्यादा गलती और ज्यादा खर्च।
4.6 टिप्स से दूरी
अपने खुद के रिसर्च के आधार पर निवेश करें, न कि किसी की अफवाह या व्हाट्सएप ग्रुप की सलाह पर।
4.7 डायवर्सिफिकेशन
सारा पैसा एक ही स्टॉक में न लगाएं।
5-10 अच्छे सेक्टर और कंपनियों में बैलेंस बनाएं।
5. 90% में नहीं, 10% में कैसे आएं?
अगर आप इन 5 आदतों को अपनाते हैं, तो आप धीरे-धीरे टॉप 10% में आ सकते हैं:
1. नियमित सीखना – मार्केट बदलता है, तो आपको भी बदलना होगा।
2. डिसिप्लिन – नियम तोड़ना मतलब पैसा खोना।
3. धैर्य – लॉन्ग-टर्म निवेशक ही सबसे ज्यादा फायदा कमाते हैं।
4. प्लान बनाना – बिना प्लान के निवेश, बिना नक्शे के सफर जैसा है।
5. रिस्क कंट्रोल – हर समय अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना।
➡️ निष्कर्ष
“90% लोग शेयर बाजार में पैसा खो देते हैं” – यह बात ट्रेडिंग के लिए काफी हद तक सच है, लेकिन लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए पूरी तरह सही नहीं है।
अगर आप बिना तैयारी, बिना ज्ञान और सिर्फ लालच में ट्रेड करेंगे, तो आप भी 90% में होंगे।
लेकिन अगर आप शिक्षा, धैर्य, रिस्क मैनेजमेंट और डिसिप्लिन अपनाते हैं, तो आप उन चुनिंदा लोगों में आ सकते हैं जो शेयर बाजार से अमीर बनते हैं।
—
याद रखिए:
शेयर बाजार में अमीर बनने का रास्ता शॉर्टकट से नहीं, बल्कि स्मार्ट और धैर्यपूर्ण कदमों से जाता है।