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Which stock analyst is the best in India?भारत में कौन सा स्टॉक analyst सर्वश्रेष्ठ है?

जैसा आप सभी जानते हैं | कि investing setup बिल्कुल जेनुइन इनफॉरमेशन प्रोवाइड करतl है | और मैं 2019 से इंवॉल्व हूं स्टॉक  मार्केट में इसी एक्सपीरियंस से  इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग और भी बहुत सरे ऑनलाइन अर्निंग से रिलेटेड आर्टिकल मिल जाएगा | जो फाइनेंशली फ्रीडम अचीव कर सकते हैं इसलिए  लेख को  ध्यान पूर्वक  से पढ़े आज इस आर्टिकल में स्टॉक एनालिस्ट’ चुनना—क्योंकि विश्लेषकों की विशेषज्ञता क्षेत्र, दृष्टिकोण, स्टाइल और निवेश अवधि (लघु या दीर्घकालिक) पर निर्भर करती है। हालाँकि, भारत में कुछ विश्लेषक और निवेशक इतने लोकप्रिय और मान्यता प्राप्त हैं कि उन्हें व्यापक स्वीकार्यता मिली हुई है। नीचे  एक विस्तृत लेख प्रस्तुत है—जिसमें ये जानने में मदद मिलेगी कि कौन से विश्लेषक सबसे चर्चित हैं, उनकी विशेषताएँ क्या हैं, और वे कैसे अलग हैं। मैंने विषय को चार भागों में बांटा है.

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1. क्यों “सबसे अच्छा” कहना मुश्किल है

  • विशेषज्ञता क्षेत्र की विविधता: कुछ टेक्नॉलॉजी सेक्टर में माहिर हैं, जैसे ICICI Securities के Kuldeep Koul. कुछ आईटी, कुछ फार्मा, कुछ मीडिया, कुछ मेटल्स—हर एक का अपना क्षेत्र होता है ।
  • निवेशक व्यवहार में अंतर: लोहिया निवेश, मूल्य निवेश, तकनीकी विश्लेषण—हर एक का अपना स्टाइल होता है। सबसे अच्छा कौन है, यह इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरीके से समझना चाहते हैं।
  • परिणामों का समय अंतराल: कुछ एनालिस्ट छोटे-समय के लिए सुझाव देते हैं, जैसे दैनिक या साप्ताहिक ट्रेडिंग के लिए। कुछ लंबी अवधि के लिए स्टॉक्स में विश्वास रखते हैं। उदाहरण: Motilal Oswal के साप्ताहिक ‘ट्रेडिंग आइडियाज’ ; वहीं Rudra Murthy दीर्घकालीन वैल्यू निवेश पर ज़ोर देते हैं ।

इसलिए, “सबसे अच्छा” चुनने से बेहतर है कि यह स्पष्ट करें—आप किस प्रकार के विश्लेषक की तलाश में हैं?

2. भारत के प्रमुख (महत्वपूर्ण) एनालिस्ट और निवेश गुरू

Raamdeo Agrawal

  • Motilal Oswal के सह-संस्थापक, चार्टर्ड अकाउंटेंट और दिग्गज निवेशक।
  • ‘Corporate Numbers Game’ और ‘Art of Wealth Creation’ जैसी किताबों के लेखक।
  • वॉरेन बफे से प्रेरित मूल्य निवेश की रणनीति अपनाते हैं ।

Deepak Mohoni

  • तकनीकी विश्लेषण के अग्रणी विशेषज्ञ, जिन्होंने “Sensex” शब्द गढ़ा।
  • Economic Times और Business World में नियमित कॉलम, CNBC-TV18 आदि पर व्याख्यान ।
  • तकनीकी संकेतकों में विश्वास रखने वालों के लिए आदर्श।

Porinju Veliyath

  • Value Investing में माहिर—विशेषकर स्मॉल कैप्स में।
  • ‘Small-cap czar’ कहे जाते हैं और ऑनलाइन फॉलोइंग मजबूत है।
  • Equity Intelligence India Pvt Ltd के माध्यम से निवेश करते हैं ।

Rudra Murthy B.V.

  • Vachana Investments के संस्थापक, ‘Mind Markets & Money’ पुस्तक के लेखक।
  • 2025 के लिए वैल्यू निवेश और लार्ज-कैप सेक्टर्स (बैंक, आईटी, फार्मा) पर जोर—जैसे HDFC Bank, Dr. Reddy’s ।

Motilal Oswal Financial Services (एनालिस्ट टीम)

  • विभिन्न सेक्टर्स के लिए साप्ताहिक/मासिक ट्रेडिंग आइडियाज और स्टॉक पिक्स़।
  • उदाहरण: Jatin Gedia (तकनीकी विश्लेषक), Kunal Bothra जैसे विशेषज्ञ ट्रेंड शेयर सुझाते हैं ।

Other Sector-Specific Champions

  • Emkay, Religare, Jefferies में विभिन्न विश्लेषक तकनीकी या मीडिया आदि सेक्टर्स में ऊपर आते हैं। उदाहरण:IT सेक्टर: Manik Taneja (Emkay), Rumit Dugar (Religare), Vishal Agarwal (Jefferies) ।मीडिया: Swati Nangalia & Nikhil Vora (IDFC), Karan Mittal (ICICI Direct) ।मेटल्स और फार्मा: Neelkanth Mishra (Credit Suisse), Abhishek Singhal (Macquarie), Sameer Baisiwala (Morgan Stanley) (Stock Pickers) ।

3. तुलना तालिका (Quick Comparison)

एनालिस्ट / टीम विशेषज्ञता खासियत / स्टाइल Raamdeo Agrawal मूल्य निवेश दर्शनीय अनुभव, मोटिलाल ओसवाल ग्रुप से जुड़ा Deepak Mohoni तकनीकी विश्लेषण टेक्निकल रणनीति, मीडिया में सक्रिय Porinju Veliyath स्मॉल-कैप, मूल्य निवेश लोकप्रिय, सोशल मीडिया पर सक्रिय, ‘small-cap czar’ Rudra Murthy B.V. वैल्यू निवेश, लार्ज-कैप पुस्तक लेखक, लम्बी अवधि की सोच Motilal Oswal टीम ट्रेडिंग/ट्रेडिंग आइडियाज साप्ताहिक सुझाव, विविध ट्रेडिंग शैली सेक्टर विश्लेषक (जैसे Emkay वगैरह) विशिष्ट सेक्टर IT, मीडिया, मेटल्स, फार्मा आदि में विशेषज्ञता

4. किस विकल्प का चुनाव कब करें?

यदि आप लंबी अवधि, वैल्यू निवेश के दीवाने हैं

  • Raamdeo Agrawal और Rudra Murthy आपके लायक हैं।
  • मूल्य पर भरोसा रखते हैं; किताबों और सिद्धांतों में भरोसा रखते हैं।

यदि आप तकनीकी संकेत चाहिए (तकनीकी विश्लेषण)

  • Deepak Mohoni सबसे बढ़िया विकल्प—आकर्षक चिह्नों और ग्राफिकल विश्लेषण के लिए।

यदि आप छोटी-कैल की स्मार्ट पिक्स चाहते हैं

  • Porinju Veliyath प्रभावशाली हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो अल्प समय में अच्छा रिटर्न चाहते हैं।

यदि आप विविध ट्रेडिंग सुझाव चाहते हैं (लघु अवधि)

  • Motilal Oswal की टीम आपके लिए है—जिनका फोकस ट्रेडिंग आइडियाज पर होता है।

यदि आपको किसी विशेष सेक्टर में जानकारी चाहिए

  • Emkay, ICICI, Jefferies आदि विश्लेषकों पर निर्भर करें—जैसा ऊपर तालिका में दिखाया गया।

⚡निष्कर्ष

“सबसे अच्छा एनालिस्ट कौन है?” — इसका कोई एक जवाब नहीं।

  • यदि तुम्हें दीर्घकालिक मूल्य निवेश चाहिए—जाओ Rudra Murthy या Raamdeo Agrawal के पास।
  • यदि तुम्हें चार्ट और तकनीकी पैटर्न पर विश्वास है—Deepak Mohoni शानदार विकल्प हैं।
  • यदि तुम्हें छोटी-समय की तेज़ी से सटीक पिक्स़ (सरल लेकिन स्मार्ट स्मॉल-कैप्स) चाहिए—Porinju Veliyath ध्यान दें।
  • यदि तुम्हें हर हफ़्ते/दिन ट्रेडिंग सुझाव चाहिए—Motilal Oswal टीम सबसे ज़्यादा कंटेंट उपलब्ध करवाती है।
  • यदि तुम एक निश्चित सेक्टर में विशेषज्ञ सुझाव चाहते हो—तो उस क्षेत्र के शीर्ष विश्लेषक चुनो (जैसा कि तालिका में है)।

इन सबकी एकता यह है कि ये सभी भारत में अत्यंत प्रतिष्ठित और अनुभवी हैं—बस फर्क निवेश के दृष्टिकोण और समय सीमा का है।

यदि आप चाहें, तो मैं किसी एक पर गहराई से एक और लेख लिख सकता हूँ—उसके निवेश दर्शन, रणनीति, हालिया स्टॉक पिक्स, प्रदर्शन आदि के बारे में। बताइए, किस विश्लेषक पर आप अधिक जानना चाहते हैं?

How to invest in index funds without a broker ब्रोकर के बिना इंडेक्स फंड में निवेश कैसे करें?

जैसा आप सभी जानते हैं | कि investing setup बिल्कुल जेनुइन इनफॉरमेशन प्रोवाइड करतl है | और मैं 2019 से इंवॉल्व हूं स्टॉक  मार्केट में इसी एक्सपीरियंस से  इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग और भी बहुत सरे ऑनलाइन अर्निंग से रिलेटेड आर्टिकल मिल जाएगा | जो फाइनेंशली फ्रीडम अचीव कर सकते हैं इसलिए  लेख को  ध्यान पूर्वक  से पढ़े आज इस आर्टिकल में  इंडेक्स फंड के विषय के बारे में जानेंगे   आज  कल निवेश (Investment) की दुनिया में Index Funds का नाम बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। जो लोग शेयर मार्केट में सीधे निवेश नहीं करना चाहते, या जिन्हें समय और रिसर्च की कमी है, उनके लिए इंडेक्स फंड एक बेहतरीन विकल्प है।

लेकिन एक बड़ा सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है –
👉 “क्या इंडेक्स फंड में बिना ब्रोकर के निवेश किया जा सकता है?”
👉 “अगर हाँ, तो तरीका क्या है और इसमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?”

इस आर्टिकल में हम बिल्कुल आसान  और सिंपल भाषा में समझेंगे कि आप बिना ब्रोकर (Broker) के भी इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं, और उसके लिए कौन-कौन से रास्ते आपके सामने खुले हैं।

Bank nifty trading

1. सबसे पहले समझें – Index Fund क्या होता है?

इंडेक्स फंड एक तरह का म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) है।

  • यह किसी स्टॉक मार्केट इंडेक्स (जैसे Nifty 50 या Sensex) को ट्रैक करता है।
  • मतलब अगर Nifty 50 इंडेक्स 10% बढ़ता है तो आपका इंडेक्स फंड भी लगभग 10% बढ़ जाएगा।
  • इसमें फंड मैनेजर ज्यादा रिसर्च नहीं करता, बस उसी अनुपात में निवेश करता है जैसे इंडेक्स में कंपनियाँ होती हैं।

👉 उदाहरण:
अगर आप Nifty 50 Index Fund लेते हैं तो यह Nifty 50 की सभी कंपनियों (जैसे Reliance, TCS, HDFC Bank, Infosys आदि) में उतना ही निवेश करेगा जितना उनका वेटेज इंडेक्स में है।

2. ब्रोकर क्यों आता है बीच में?

अधिकतर लोग जब शेयर खरीदते हैं तो उन्हें Demat Account और Broker की जरूरत होती है।
लेकिन Index Funds में निवेश करने के लिए शेयर मार्केट अकाउंट (Demat Account) जरूरी नहीं है

  • आप सीधे Mutual Fund House (AMC – Asset Management Company) के साथ खाता खोलकर निवेश कर सकते हैं।
  • मतलब कोई बिचौलिया (Broker) बीच में नहीं होगा।

3. बिना ब्रोकर के Index Fund में निवेश करने के तरीके

अब आते हैं असली सवाल पर – ब्रोकर के बिना कैसे निवेश करें?
इसके लिए आपके पास कई आसान रास्ते हैं:

(A) AMC (Asset Management Company) से Direct Plan

हर म्यूचुअल फंड कंपनी (AMC) की अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप होती है।
उदाहरण:

  • HDFC Mutual Fund
  • SBI Mutual Fund
  • ICICI Prudential Mutual Fund
  • UTI Mutual Fund

आप सीधे इनकी वेबसाइट या ऐप पर जाकर खाता खोल सकते हैं और Direct Plan में निवेश कर सकते हैं।

👉 स्टेप्स:

  1. AMC की वेबसाइट या ऐप पर जाएँ।
  2. KYC (Know Your Customer) पूरा करें – इसमें आधार, पैन कार्ड और बैंक डिटेल्स लगते हैं।
  3. फंड चुनें – जैसे “Nifty 50 Index Fund – Direct Plan – Growth Option”।
  4. Lump Sum (एक बार में) या SIP (महीने–महीने) निवेश का विकल्प चुनें।
  5. Payment करें और आपका निवेश शुरू हो जाएगा।

✔️ फायदा: कोई ब्रोकर नहीं, खर्चा कम, ज्यादा रिटर्न।

(B) Mutual Fund Registrar Platforms (CAMS & KFintech)

भारत में ज्यादातर म्यूचुअल फंड्स की KYC और प्रोसेसिंग दो कंपनियाँ करती हैं:

  • CAMS (Computer Age Management Services)
  • KFintech (Karvy Fintech)

आप इनकी वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर सीधे किसी भी AMC के इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं।

👉 फायदे:

  • एक ही प्लेटफॉर्म से कई AMC को मैनेज कर सकते हैं।
  • कोई ब्रोकर शामिल नहीं।
  • Portfolio देखना आसान।

(C) MF Utility (MFU India)

MFU (Mutual Fund Utility) भारत का एक कॉमन प्लेटफॉर्म है जहाँ से आप लगभग सभी AMCs के फंड्स में निवेश कर सकते हैं।

👉 स्टेप्स:

  1. MFU की वेबसाइट पर CAN (Common Account Number) बनाइए।
  2. एक बार KYC कर लीजिए।
  3. फिर किसी भी AMC के Index Fund में निवेश कीजिए।

✔️ फायदा: One-stop solution, बिना ब्रोकर के।

(D) बैंक के जरिए निवेश

कई बैंक (जैसे SBI, HDFC, ICICI, Axis आदि) अपने Net Banking या Mobile App के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश का विकल्प देते हैं।
आप वहीं से Index Fund चुनकर निवेश कर सकते हैं।

(E) Zerodha Coin / Groww / Paytm Money / Kuvera जैसे Apps

हालांकि ये ऐप्स प्लेटफॉर्म की तरह काम करते हैं, लेकिन इनमें आप Direct Mutual Fund Plans ले सकते हैं।
इनमें कोई Brokerage Charge नहीं होता, क्योंकि ये सिर्फ प्लेटफॉर्म हैं, Broker नहीं।

👉 नोट: अगर आप पूरी तरह “AMC से Direct” रहना चाहते हैं तो ऐप्स को छोड़ सकते हैं।

4. Direct Plan vs Regular Plan

जब आप बिना ब्रोकर के निवेश करते हैं, तो आप Direct Plan लेते हैं।
अगर आप किसी ब्रोकर/एजेंट के जरिए जाते हैं तो वह Regular Plan होता है।

तुलना Direct Plan Regular Plan
खर्च (Expense Ratio) कम ज्यादा
रिटर्न ज्यादा कम
ब्रोकर नहीं हाँ
निवेश तरीका AMC, CAMS, KFintech, MFU Broker, Apps, Agents

👉 सीधा सा मतलब: Direct Plan = ज्यादा फायदा, कम खर्चा

5. Index Fund में निवेश के फायदे

  1. Low Cost – Active Fund की तुलना में Expense Ratio कम।
  2. Market जैसा रिटर्न – रिसर्च की टेंशन नहीं।
  3. Diversification – एक ही बार में कई बड़ी कंपनियों में निवेश।
  4. Long Term Growth – समय के साथ अच्छा कंपाउंडिंग रिटर्न।
  5. Transparent – आपको पता है पैसा कहाँ जा रहा है।

6. Index Fund में निवेश करने से पहले ध्यान देने वाली बातें

  • लक्ष्य तय करें – कितने साल निवेश करना है और किस मकसद से (Retirement, Wealth Creation आदि)।
  • Right Index Fund चुनें – Nifty 50, Nifty Next 50, Sensex Index Fund आदि।
  • Expense Ratio Compare करें – अलग-अलग AMC में फर्क होता है।
  • SIP vs Lump Sum – Regular investment के लिए SIP अच्छा विकल्प है।
  • Risk समझें – Index Fund में भी Market Risk होता है।

7. उदाहरण: SIP से निवेश

मान लीजिए आप ₹5,000 महीने SIP से Nifty 50 Index Fund में 15 साल तक निवेश करते हैं।
औसत 12% सालाना रिटर्न मानें तो –

  • कुल निवेश = ₹9 लाख
  • अनुमानित Corpus = लगभग ₹18-20 लाख

👉 यानी आपके पैसे डबल से भी ज्यादा हो सकते हैं, वो भी बिना ब्रोकर के।

निष्कर्ष (Conclusion)

ब्रोकर के बिना Index Fund में निवेश करना न सिर्फ संभव है, बल्कि आसान भी है।

आपके पास कई विकल्प हैं:

  • AMC की वेबसाइट/ऐप से Direct Plan
  • CAMS / KFintech
  • MF Utility
  • बैंकिंग ऐप्स
  • Zerodha Coin, Groww, Kuvera जैसे Direct MF प्लेटफॉर्म

अगर आप सच में अपने रिटर्न को बढ़ाना चाहते हैं, तो Direct Plan में निवेश करें और ब्रोकर से दूरी बनाएँ।
इससे आपका Expense Ratio कम होगा और लंबे समय में अच्छी Wealth Creation होगी।

 

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stock market price action strategy शेयर बाजार मूल्य कार्रवाई रणनीति

stock market price action strategy

जैसा आप सभी जानते हैं | कि investing setup बिल्कुल जेनुइन इनफॉरमेशन प्रोवाइड करतl है | और मैं 2019 से इंवॉल्व हूं स्टॉक  मार्केट में इसी एक्सपीरियंस से  इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग और भी बहुत सरे ऑनलाइन अर्निंग से रिलेटेड आर्टिकल मिल जाएगा | जो फाइनेंशली फ्रीडम अचीव कर सकते हैं इसलिए  लेख को  ध्यान पूर्वक  से पढ़े .आज , अगर आप शेयर बाजार (Stock Market) में ट्रेडिंग या निवेश करते हैं, तो आपने “Price Action” शब्द जरूर सुना होगा। आजकल ज्यादातर प्रोफेशनल ट्रेडर्स बिना किसी भारी-भरकम इंडिकेटर्स के केवल Price Action Strategy का इस्तेमाल करके अच्छे मुनाफे कमाते हैं। लेकिन असली सवाल यह है कि आखिर यह Price Action Strategy होती क्या है? इसे कैसे समझें और कैसे अपने ट्रेडिंग प्लान में शामिल करें?

इस आर्टिकल में हम आपको शेयर बाजार मूल्य कार्रवाई रणनीति (Price Action Strategy in Stock Market) के बारे में पूरी जानकारी देंगे, वो भी आसान भाषा और उदाहरणों के साथ।

1.Price Action क्या है?

Price Action का सीधा मतलब है – शेयर के दामों की चाल (Price Movement) को समझकर ट्रेड करना।

यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें हम चार्ट (Chart) को देखकर, उसके प्राइस मूवमेंट, पैटर्न और कैंडलस्टिक (Candlestick Patterns) का अध्ययन करते हैं और बिना ज्यादा Indicators पर भरोसा किए फैसले लेते हैं।

👉 आसान शब्दों में कहें तो – Price Action Strategy = “Chart पढ़ना + Price की Story समझना”।

 2.Price Action क्यों जरूरी है?

आज के समय में हज़ारों Technical Indicators मौजूद हैं – RSI, MACD, Bollinger Bands, Moving Average आदि। लेकिन इन सबकी जड़ Price ही है।

⚡हर Indicator प्राइस के हिसाब से ही सिग्नल देता है।

⚡Indicator हमेशा प्राइस के बाद प्रतिक्रिया करता है (lagging effect)।

⚡जबकि Price Action हमें सबसे पहले Market की असली चाल बताता है।

यानी अगर आप Price Action समझ लेते हैं, तो आपको Indicator पर ज्यादा निर्भर रहने की ज़रूरत नहीं होगी।

3.Price Action Strategy की मुख्य बातें

Price Action Strategy को समझने और इस्तेमाल करने के लिए कुछ ज़रूरी बातें होती हैं:

  1. Support और Resistance LevelsSupport वह लेवल होता है जहाँ शेयर गिरकर रुकने लगता है।
  2. Resistance वह लेवल होता है जहाँ शेयर ऊपर जाकर रुकने लगता है। 👉 Price Action में इन लेवल्स का बड़ा महत्व है।
  3. Trend (Trend पहचानना)Uptrend = जब प्राइस लगातार ऊपर की ओर जा रहा हो।
  4. Downtrend = जब प्राइस लगातार नीचे जा रहा हो।
  5. Sideways = जब प्राइस न ऊपर जाए, न नीचे – बल्कि एक रेंज में घूमे।
  6. Candlestick PatternsDoji, Hammer, Shooting Star, Engulfing आदि पैटर्न्स Price Action में अहम भूमिका निभाते हैं।
  7. ये पैटर्न हमें बताते हैं कि Buyers (खरीददार) मजबूत हैं या Sellers (बेचने वाले)।
  8. Breakouts और Fakeoutsजब प्राइस Resistance तोड़कर ऊपर निकलता है = Breakoutजब प्राइस Resistance तोड़कर तुरंत वापस आ जाता है = Fakeout
  9. Volume का महत्वअगर Breakout के समय Volume ज्यादा है = मजबूत Breakout
  10. अगर Volume कम है = कमजोर Breakout

3 .Price Action Strategy के प्रकार

Price Action Strategy को कई तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है। आइए कुछ मशहूर स्ट्रैटेजी समझते हैं:

1. Trend Trading Strategy

⚡इसमें ट्रेडर केवल Trend के हिसाब से Buy या Sell करता है।

नियम:

⚡Uptrend → Buy on Dips

⚡Downtrend → Sell on Rise

उदाहरण: अगर Nifty 50 लगातार Uptrend में है और बीच-बीच में थोड़ा गिरता है, तो गिरावट पर खरीदकर बड़ा फायदा मिल सकता है।

2. Support & Resistance Strategy

⚡जब प्राइस Support पर आता है → Buy

⚡जब प्राइस Resistance पर आता है → Sell

उदाहरण: अगर Infosys का शेयर बार-बार ₹1500 पर Support ले रहा है, तो उस लेवल पर खरीदना अच्छा मौका हो सकता है।

3. Breakout Strategy

⚡जब प्राइस Resistance तोड़कर ऊपर निकले → Buy

⚡जब प्राइस Support तोड़कर नीचे निकले → Sell

उदाहरण: अगर Reliance ₹2500 के ऊपर क्लोज करता है और Volume ज्यादा है, तो इसमें Breakout Trading की जा सकती है।

4. Candlestick Pattern Strategy

⚡खास पैटर्न देखकर ट्रेड लेना।

⚡उदाहरण:

⚡Hammer → Reversal Signal (नीचे से ऊपर की ओर)

⚡Shooting Star → Reversal Signal (ऊपर से नीचे की ओर)

⚡Bullish Engulfing → Buyers की ताकत

⚡Bearish Engulfing → Sellers की ताकत

5. Range Trading Strategy

⚡जब शेयर Sideways मूवमेंट में हो।

⚡नियम:

⚡Range के नीचे → Buy

⚡Range के ऊपर → Sell

उदाहरण: अगर TCS 3200 से 3400 के बीच घूम रहा है, तो 3200 पर खरीदें और 3400 पर बेचें।

4.Price Action Strategy का सही इस्तेमाल कैसे करें?

  1. Market Structure समझें → पहले देखें Trend क्या है।
  2. Key Levels Mark करें → Support & Resistance की पहचान करें।
  3. Confirmation लें → Candlestick Pattern या Volume से पुष्टि करें।
  4. Risk Management करें → Stop Loss लगाना जरूरी है।
  5. Patience रखें → हर दिन ट्रेड जरूरी नहीं है, सही मौके का इंतज़ार करें।

5.Price Action Strategy के फायदे

✅ साफ-सुथरी रणनीति – ज्यादा Indicators की ज़रूरत नहीं। ✅ Market को उसके असली रूप में समझना आसान। ✅ किसी भी टाइमफ्रेम (1 min, 5 min, Daily, Weekly) पर काम करता है। ✅ Intraday, Swing और Positional ट्रेडिंग – हर जगह इस्तेमाल कर सकते हैं।

6. Price Action Strategy की सीमाएँ (Limitations)

❌ हर बार सटीक काम नहीं करती। ❌ Fake Breakouts में फंसने का खतरा रहता है। ❌ Beginners को शुरुआत में समझने में मुश्किल। ❌ Risk Management के बिना बड़ा नुकसान हो सकता है।

7.नए ट्रेडर्स के लिए सुझाव

⚡पहले छोटे Timeframe की बजाय Daily Chart पर अभ्यास करें।

⚡हर दिन 2-3 शेयर चुनें और उनकी Price Movement को Study करें।

⚡शुरुआत में Paper Trading करें (बिना असली पैसे के)।

⚡जब Confidence बने तभी असली पैसे से ट्रेड शुरू करें।

8.Real-Life Example (HDFC Bank Case Study)

मान लीजिए HDFC Bank का शेयर ₹1500 पर बार-बार गिरकर रुक रहा है। 👉 इसका मतलब है यह एक Strong Support है।

⚡अगर शेयर ₹1500 पर Hammer Candlestick बनाता है → Buy Signal

⚡Target = ₹1600 (Resistance Level)

⚡Stop Loss = ₹1475

इस तरह आप केवल Price Action देखकर अच्छा ट्रेड ले सकते हैं।

➡️ निष्कर्ष (Conclusion)

Price Action Strategy शेयर बाजार की सबसे सटीक और सरल ट्रेडिंग रणनीतियों में से एक है। इसमें हमें केवल Price Movement, Candlestick Patterns और Support-Resistance पर ध्यान देना होता है। अगर आप इसे अच्छे से सीख लेते हैं तो बिना किसी जटिल Indicator के भी आप Market की दिशा समझ सकते हैं।

👉 याद रखें –

🔥Price ही Market का असली Boss है।

🔥Indicators सिर्फ Price के बाद आने वाली जानकारी दिखाते हैं।

🔥अगर Price पढ़ना सीख गए, तो Market समझना आसान हो जाएगा।

How much money can you make from blogging? ब्लॉगिंग से कितने पैसे कमा सकते हैं?

How much money can you make from blogging

hi friends investingsetup  पर आपका स्वागत है ब्लॉगिंग ,सोशल मीडिया औरऑनलाइन अर्निंग से रिलेटेड आर्टिकल मिल जाएगा | जो फाइनेंशली फ्रीडम अचीव कर सकते हैं इसलिए कोई भी आर्टिकल  ध्यान पूर्वक  से पढ़ें. देखो भाई हरचीज़ डिपेंड करता है  स्किल और नॉलेज पर आप कितना टाइम देते हैं आज के समय में इंटरनेट ने हमारी जिंदगी बदल दी है। लोग केवल सोशल मीडिया पर एक्टिव रहकर ही नहीं, बल्कि अपने शौक को करियर में बदलकर भी लाखों कमा रहे हैं। ब्लॉगिंग उन्हीं करियर ऑप्शन्स में से एक है, जहां लोग अपने ज्ञान, अनुभव और क्रिएटिविटी को शब्दों के जरिए दुनिया तक पहुँचाते हैं और उससे अच्छी-खासी कमाई करते हैं।

अब सवाल ये है – ब्लॉगिंग से कितने पैसे कमाए जा सकते हैं? तो इसका कोई एक निश्चित जवाब नहीं है, क्योंकि ये आपकी मेहनत, क्वालिटी कंटेंट, ट्रैफिक और मोनेटाइजेशन के तरीकों पर निर्भर करता है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि एक ब्लॉगर कितना कमा सकता है, कैसे कमा सकता है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

How much money can you make from blogging

1. ब्लॉगिंग क्या है और इसमें पैसे कैसे मिलते हैं?

ब्लॉगिंग का मतलब है किसी खास विषय पर आर्टिकल लिखकर इंटरनेट पर शेयर करना। ये विषय कुछ भी हो सकता है – जैसे शिक्षा, फाइनेंस, ट्रैवल, टेक्नोलॉजी, हेल्थ, कुकिंग, पर्सनल डेवलपमेंट आदि।

ब्लॉग से पैसा कमाने के मुख्य तरीके

Google AdSense – ब्लॉग पर विज्ञापन लगाकर इनकम।

Affiliate Marketing – प्रोडक्ट/सर्विस प्रमोट करके कमीशन।

Sponsored Posts – ब्रांड्स के लिए आर्टिकल लिखना।

Digital Products – ई-बुक, कोर्स, टेम्पलेट्स बेचना।

Freelancing/Services – अपनी सर्विसेज ऑफर करना।

2. ब्लॉगिंग से कितनी कमाई हो सकती है?

कमाई का कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं है, लेकिन समझने के लिए हम इसे अलग-अलग लेवल्स में देख सकते हैं:

शुरुआती ब्लॉगर (0 – 6 महीने)

ट्रैफिक बहुत कम होता है।

कमाई लगभग ₹0 से ₹5,000/महीना।

ये समय सीखने और कंटेंट बनाने का होता है।

 मिड-लेवल ब्लॉगर (6 महीने – 2 साल)

अगर आप लगातार क्वालिटी कंटेंट डालते हैं तो ब्लॉग पर अच्छी विज़िटर्स आ सकती है।

कमाई ₹10,000 से ₹50,000/महीना हो सकती है।

इस स्टेज पर AdSense और Affiliate दोनों से इनकम आनी शुरू हो जाती है।

प्रोफेशनल ब्लॉगर (2 साल से ज्यादा)

अगर ब्लॉग पर लाखों विज़िटर्स आते हैं, तो इनकम भी बहुत बड़ी हो सकती है।

कमाई ₹1 लाख से ₹5 लाख+ प्रति माह तक संभव है।

कुछ सफल ब्लॉगर ₹10 लाख+ महीना भी कमाते हैं।

3. ब्लॉगिंग से कमाई के उदाहरण

हरश अग्रवाल (ShoutMeLoud) – इंडिया के टॉप ब्लॉगर, लाखों की मासिक इनकम।

अमित अग्रवाल (Labnol.org) – भारत के पहले प्रोफेशनल ब्लॉगर, करोड़ों की कमाई।

ग्लोबल ब्लॉगर जैसे Pat Flynn – Affiliate marketing और डिजिटल प्रोडक्ट्स से सालाना करोड़ों डॉलर कमाते हैं।

इससे साफ है कि ब्लॉगिंग में कमाई की कोई लिमिट नहीं है, ये आपकी स्किल, मेहनत और स्मार्ट वर्क पर निर्भर करता है.

4. ब्लॉगिंग से ज्यादा कमाई कैसे करें?

अगर आप ब्लॉगिंग से अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें:

1. सही निच (Niche) चुनें

ऐसा टॉपिक चुनें जिसमें आपकी रुचि हो और लोग उसे पढ़ना भी चाहें।

जैसे – फाइनेंस, हेल्थ, एजुकेशन, टेक्नोलॉजी, ट्रैवल।

2. क्वालिटी कंटेंट लिखें

ब्लॉग हमेशा यूनिक और उपयोगी होना चाहिए।

SEO फ्रेंडली आर्टिकल लिखें ताकि गूगल सर्च में आएं।

3. रेगुलर पोस्ट करें

जितना ज्यादा आप लिखेंगे, उतना ट्रैफिक आएगा।

कम से कम हफ्ते में 2–3 आर्टिकल ज़रूर डालें।

4. ट्रैफिक बढ़ाएं

SEO, सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग का इस्तेमाल करें।

ज्यादा ट्रैफिक = ज्यादा इनकम।

5. मोनेटाइजेशन के अलग-अलग तरीके अपनाएं

सिर्फ AdSense पर निर्भर न रहें।

Affiliate, Sponsorship, Digital Products से भी कमाई करें।

 

5. ब्लॉगिंग में चुनौतियाँ

टाइम लगता है – तुरंत पैसा नहीं मिलता।

कम्पटीशन ज्यादा है – हर दिन नए ब्लॉग बन रहे हैं।

कंसिस्टेंसी जरूरी है – बीच में छोड़ देने से सब मेहनत बेकार हो सकती है।

लेकिन अगर आप धैर्य और लगातार मेहनत करते हैं तो ये आपके लिए एक शानदार करियर बन सकता है.

6. ब्लॉगिंग से लाखों कमाने वाले ब्लॉगर क्यों सफल होते हैं?

उन्होंने एक्सपर्ट लेवल कंटेंट दिया।

लगातार सीखते और अपग्रेड होते रहे।

सिर्फ AdSense पर नहीं, बल्कि मल्टीपल इनकम सोर्सेज बनाए।

पेशेंस और कंसिस्टेंसी रखी।

 

➡️ निष्कर्ष (Conclusion)

तो दोस्तों, अब आप समझ गए होंगे कि ब्लॉगिंग से कितने पैसे कमाए जा सकते हैं।

शुरुआती में कमाई बहुत कम होती है।

कुछ महीनों के बाद ₹10,000 से ₹50,000 महीना तक पहुंच सकते हैं।

और अगर आप लगातार मेहनत करते हैं, तो लाखों रुपये महीना कमाना भी नामुमकिन नहीं है।

ब्लॉगिंग एक “Get Rich Quick” स्कीम नहीं है। इसमें समय, धैर्य और लगातार मेहनत की जरूरत होती है। लेकिन अगर आप सही दिशा में चलते हैं तो ब्लॉगिंग से आप न सिर्फ पैसे कमा सकते हैं बल्कि नाम और पहचान भी बना सकते हैं।

👉 अब बताइए, क्या आप चाहेंगे कि मैं आपके लिए “ब्लॉगिंग से पैसे कमाने के 10 सबसे बेहतरीन तरीके” पर भी 2000 शब्दों का आर्टिकल लिख दूं, ताकि आपको पूरा रोडमैप मिल सके?

How to write articles for your website.अपनी वेबसाइट के लिए लेख कैसे लिखें

How to write articles for your website.

hi friends investingsetup  पर आपका स्वागत है ब्लॉगिंग ,सोशल मीडिया औरऑनलाइन अर्निंग से रिलेटेड आर्टिकल मिल जाएगा | जो फाइनेंशली फ्रीडम अचीव कर सकते हैं इसलिए कोई भी आर्टिकल  ध्यान पूर्वक  से पढ़ें. आर्टिकल लिखने का प्रोसेस स्टेप बाय स्टेप सीखेंगे. आज के डिजिटल युग में वेबसाइट बनाना आसान हो गया है, लेकिन असली चुनौती है उस पर क्वालिटी कंटेंट लिखना। .कोई भी वेबसाइट तभी सफल होती है जब उस पर लिखे गए आर्टिकल्स यूज़र के सवालों का जवाब दें, आसान भाषा में हों और Google जैसे सर्च इंजनों पर रैंक कर सकें। अगर आप भी सोच रहे हैं कि अपनी वेबसाइट के लिए बेहतरीन आर्टिकल कैसे लिखें, तो यह गाइड आपके लिए है।

1. लेख लिखने से पहले तैयारी क्यों ज़रूरी है?

लेख लिखना सिर्फ़ शब्दों को जोड़ना नहीं है, बल्कि यह एक आर्ट है। अगर आप सही तैयारी करेंगे, तो आपका आर्टिकल न सिर्फ़ अच्छा दिखेगा बल्कि लोगों को बार-बार आपकी साइट पर लाएगा।

तैयारी के कुछ ज़रूरी कदम:

  • विषय (Topic) का चुनाव
  • रिसर्च (Research)
  • टारगेट ऑडियंस को समझना
  • कीवर्ड रिसर्च (SEO के लिए)

2. सही विषय (Topic) का चुनाव कैसे करें?

अगर आप गलत विषय चुनते हैं तो लोग आपके आर्टिकल को पढ़ेंगे ही नहीं। इसलिए सबसे पहले यह तय करें कि आपके यूज़र किस चीज़ में रुचि रखते हैं।

विषय चुनने के आसान तरीके:

  1. Google पर “People also ask” सेक्शन देखें।
  2. Quora और Reddit जैसे फोरम पर लोग क्या पूछ रहे हैं?
  3. अपने Competitors की वेबसाइट देखें।
  4. अपने अनुभव और नॉलेज को जोड़ें।

उदाहरण: अगर आपकी वेबसाइट “हेल्थ” पर है, तो टॉपिक हो सकते हैं –

  • “डायबिटीज़ में डाइट प्लान”
  • “योग से वजन कैसे घटाएँ”
  • “स्वस्थ रहने के 10 आसान तरीके”

3. रिसर्च करना सीखें

अच्छा आर्टिकल बिना रिसर्च के अधूरा है। रिसर्च से आपको सही जानकारी मिलती है और आपका कंटेंट यूनिक और भरोसेमंद बनता है।

रिसर्च के लिए टूल्स:

  • Google Scholar
  • Wikipedia
  • Competitor Blogs
  • YouTube Tutorials
  • Research Papers

ध्यान रखें: सीधे कॉपी-पेस्ट न करें, बल्कि अपनी भाषा में लिखें।

4. ऑडियंस को समझें

आपका आर्टिकल किसके लिए है?

  • अगर Beginners के लिए लिख रहे हैं तो आसान शब्दों का इस्तेमाल करें।
  • अगर Professionals के लिए लिख रहे हैं तो डीप एनालिसिस और टेक्निकल टर्म्स का उपयोग करें।

👉 उदाहरण:

  • Beginners के लिए – “स्टॉक मार्केट क्या है? आसान भाषा में”
  • Professionals के लिए – “स्टॉक मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस के टूल्स”

5. SEO फ्रेंडली आर्टिकल कैसे लिखें?

SEO (Search Engine Optimization) का मतलब है कि आपका आर्टिकल Google में ऊपर रैंक करे।

SEO फ्रेंडली आर्टिकल लिखने के लिए टिप्स:

  • सही कीवर्ड का इस्तेमाल करें (Keyword Research टूल: Ubersuggest, Google Keyword Planner)।
  • H1, H2, H3 हेडिंग्स का इस्तेमाल करें।
  • पैराग्राफ छोटे रखें (2-3 लाइन)।
  • लिस्ट और बुलेट पॉइंट्स जोड़ें।
  • इमेज, इन्फोग्राफिक, टेबल जोड़ें।
  • मेटा डिस्क्रिप्शन लिखें।

6. लेख की संरचना (Article Structure)

एक अच्छा आर्टिकल हमेशा एक संरचना (Structure) के अनुसार लिखा जाता है।

Ideal Structure:

  1. Title (शीर्षक) – आकर्षक होना चाहिए।
    • Example: “घर बैठे पैसे कमाने के 10 आसान तरीके”
  2. Introduction (परिचय) – आर्टिकल का सार बताएं।
  3. Body (मुख्य भाग) – हेडिंग्स, सबहेडिंग्स और पॉइंट्स के साथ विस्तार से लिखें।
  4. Conclusion (निष्कर्ष) – सारांश + CTA (Call to Action)

👉 CTA का मतलब है यूज़र को अगला कदम बताना, जैसे – “अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो शेयर करें।”

7. लेखन शैली (Writing Style)

लेख लिखते समय भाषा और टोन पर ध्यान दें।

  • साधारण भाषा – ताकि कोई भी समझ सके।
  • Conversational Style – ऐसे लिखें जैसे आप सामने वाले से बात कर रहे हैं।
  • Active Voice – जैसे “आप सीख सकते हैं” न कि “सीखा जा सकता है”।
  • Short Sentences – लंबी-लंबी लाइनें न लिखें।

8. आकर्षक शीर्षक (Headline) बनाना

लोग सबसे पहले आपके आर्टिकल का शीर्षक देखते हैं। अगर वह आकर्षक होगा, तभी लोग क्लिक करेंगे।

अच्छा टाइटल बनाने के टिप्स:

  • नंबर का इस्तेमाल करें (जैसे – 7 Best Ways, 10 आसान उपाय)।
  • प्रश्न पूछें (जैसे – “क्या आप जानते हैं अपनी वेबसाइट को Google में कैसे रैंक करें?”)
  • पावर वर्ड्स का इस्तेमाल करें (Best, Easy, Free, Ultimate)।

9. इमेज और विज़ुअल्स का उपयोग

केवल टेक्स्ट से आर्टिकल बोरिंग लग सकता है। इसलिए इमेज, ग्राफ, चार्ट, इन्फोग्राफिक्स ज़रूर जोड़ें। 👉 मुफ्त इमेज वेबसाइट्स:

  • Pixabay
  • Unsplash
  • Pexels

10. प्लेज़रिज़्म से बचें

गूगल उन वेबसाइट्स को दंडित करता है जिनका कंटेंट कॉपी होता है। इसलिए हमेशा अपने शब्दों में लिखें।

👉 प्लेज़रिज़्म चेक टूल:

  • Grammarly
  • Quetext
  • Small SEO Tools

11. प्रैक्टिकल उदाहरण दें

अगर आप आर्टिकल में उदाहरण जोड़ेंगे तो यूज़र आसानी से समझ जाएगा।

👉 उदाहरण: अगर आप “डिजिटल मार्केटिंग” पर लिख रहे हैं, तो केस स्टडी जोड़ें – “XYZ कंपनी ने सिर्फ़ 3 महीने में Facebook Ads से 200% Growth पाई।”

12. लेख को एडिट और प्रूफ़रीड करें

लिखने के बाद तुरंत पब्लिश न करें।

  • स्पेलिंग और ग्रामर चेक करें।
  • अनावश्यक शब्द हटाएँ।
  • पढ़कर देखें कि यह Smooth Flow कर रहा है या नहीं।

13. मोबाइल फ्रेंडली लेख लिखें

आज 80% लोग मोबाइल से आर्टिकल पढ़ते हैं। इसलिए –

  • छोटे पैराग्राफ लिखें।
  • बड़े फॉन्ट और स्पेसिंग का ध्यान रखें।
  • इमेज मोबाइल पर फिट होनी चाहिए।

14. लेख लिखते समय किन गलतियों से बचें?

  • कॉपी-पेस्ट कंटेंट
  • बहुत कठिन भाषा
  • सिर्फ़ SEO के लिए कीवर्ड ठूसना (Keyword Stuffing)
  • लंबे पैराग्राफ
  • बिना हेडिंग्स का टेक्स्ट

➡️निष्कर्ष (Conclusion)

अपनी वेबसाइट के लिए लेख लिखना कोई मुश्किल काम नहीं है। बस आपको सही विषय चुनना, रिसर्च करना, आसान भाषा में लिखना और SEO का ध्यान रखना है।

👉 याद रखें:

  • Content ही King है – आपकी वेबसाइट तभी सफल होगी जब आपके आर्टिकल्स यूज़र्स की समस्या हल करेंगे।
  • लेख जितना यूज़र-फ्रेंडली होगा, उतना ही Google में रैंक करेगा।
  • नियमित रूप से लिखना और अपडेट करना ज़रूरी है।

अगर आप इन स्टेप्स को फॉलो करेंगे तो आपके आर्टिकल न सिर्फ़ पढ़े जाएंगे बल्कि Google पर रैंक भी करेंगे और आपकी वेबसाइट को सफल बनाएंगे।