google-site-verification=6xpALziFXrUirL6iqg4wCEjQhb3wObOmA8r1Kpa8SqQ ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा इंडिकेटर कौन है? What is the best indicator for options trading? - investingsetup.com

ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा इंडिकेटर कौन है? What is the best indicator for options trading?

फ्रेंड्स Investingsetup मैं स्वागत है ऑप्शन ट्रेडिंग आज के समय में शेयर बाजार में पैसे कमाने का एक स्मार्ट तरीका बन गया है। इसमें आप किसी स्टॉक को खरीदे बिना उसके ऊपर शर्त लगाकर लाभ कमा सकते हैं। लेकिन, ऑप्शन ट्रेडिंग आसान नहीं है। इसके लिए सटीक जानकारी, रणनीति और सबसे जरूरी – सही ट्रेडिंग इंडिकेटर की जरूरत होती है।

इस लेख में हम जानेंगे कि ऑप्शन ट्रेडिंग में सबसे अच्छा इंडिकेटर कौन-सा है, क्यों जरूरी है, और किन-किन इंडिकेटर्स को साथ में उपयोग करके आप अपनी सफलता की संभावना बढ़ा सकते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? (संक्षेप में)

ऑप्शन ट्रेडिंग एक प्रकार की डेरिवेटिव ट्रेडिंग है जिसमें आप किसी स्टॉक या इंडेक्स की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव पर दांव लगाते हैं। इसमें दो प्रकार के ऑप्शन होते हैं:

Call Option – जब आपको लगता है कि कीमत बढ़ेगी।

Put Option – जब आपको लगता है कि कीमत गिरेगी।

आपको प्रीमियम देना होता है और आपके पास यह अधिकार होता है कि आप उस ऑप्शन को खरीदें या न खरीदें।

ऑप्शन ट्रेडिंग में इंडिकेटर की जरूरत क्यों?

ऑप्शन ट्रेडिंग में समय (Time Decay), वॉलैटिलिटी और ट्रेंड बहुत बड़ा रोल निभाते हैं। सही निर्णय लेने के लिए आपको कुछ तकनीकी संकेतों (Technical Indicators) की जरूरत होती है ताकि आप समझ सकें:

प्राइस किस दिशा में जा रहा है?

वॉलैटिलिटी कितनी है?

सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल कहां हैं?

ब्रेकआउट होने वाला है या नहीं?

 

ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा इंडिकेटर कौन है?

📌 1. इम्प्लाइड वोलैटिलिटी (Implied Volatility – IV)

IV ऑप्शन ट्रेडिंग का सबसे महत्वपूर्ण इंडिकेटर है।

IV यह दर्शाता है कि भविष्य में स्टॉक में कितनी हलचल हो सकती है।

अगर IV ज्यादा है, तो ऑप्शन का प्रीमियम महंगा होता है।

अगर IV कम है, तो ऑप्शन सस्ता होता है।

कैसे उपयोग करें:

जब IV हाई हो, तो ऑप्शन बेचने (Sell) की रणनीति अपनाएं।

जब IV लो हो, तो ऑप्शन खरीदने (Buy) की रणनीति बेहतर होती है।

 

📌 2. ओपन इंटरेस्ट (Open Interest – OI)

OI से आपको पता चलता है कि किसी स्ट्राइक प्राइस पर कितनी पोजीशन ओपन हैं।

ज्यादा OI = ज्यादा गतिविधि = ज्यादा विश्वास।

कम OI = कम गतिविधि = कमजोर इंटरेस्ट।

कैसे उपयोग करें:

जिन स्ट्राइक प्राइस पर सबसे ज्यादा OI होता है, वही प्रमुख सपोर्ट और रेजिस्टेंस बनते हैं।

OI चेंज के अनुसार ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन का अनुमान लगाया जा सकता है।

 

📌 3. मूविंग एवरेज (Moving Averages)

यह इंडिकेटर ट्रेंड को समझने में मदद करता है।

सबसे लोकप्रिय हैं: 9 EMA, 20 EMA, और 50 SMA।

अगर कीमत मूविंग एवरेज से ऊपर है → बुलिश ट्रेंड।

अगर नीचे है → बियरिश ट्रेंड।

कैसे उपयोग करें

ऑप्शन खरीदते समय ट्रेंड की दिशा जरूर जानें।

9 EMA और 20 EMA का क्रॉसओवर ट्रेड के लिए अच्छा संकेत देता है।

 

📌 4. RSI (Relative Strength Index)

RSI एक मोमेंटम इंडिकेटर है जो यह बताता है कि स्टॉक ओवरबॉट है या ओवरसोल्ड।

70 से ऊपर = ओवरबॉट → गिरावट संभव।

30 से नीचे = ओवरसोल्ड → तेजी संभव।

कैसे उपयोग करें:

अगर RSI 30 के पास है और प्राइस ऊपर जाना शुरू करता है → Call Option खरीदें।

अगर RSI 70 के पास है और प्राइस गिर रहा है → Put Option खरीदें।

 

📌 5. वॉल्यूम (Volume)

वॉल्यूम यह बताता है कि किसी मूवमेंट के पीछे कितनी ताकत है।

अगर प्राइस बढ़ रहा है और वॉल्यूम भी बढ़ रहा है → ट्रेंड मजबूत है।

प्राइस बढ़े लेकिन वॉल्यूम घटे → फर्जी ब्रेकआउट हो सकता है।

कैसे उपयोग करें:

ऑप्शन में एंट्री लेते समय वॉल्यूम चेक करें।

ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन के समय वॉल्यूम सपोर्ट करे तो एंट्री लें।

 

ऑप्शन ट्रेडिंग में एक साथ उपयोग होने वाले इंडिकेटर्स

कोई एक इंडिकेटर कभी भी 100% सही सिग्नल नहीं देता। इसलिए कंप्लीमेंटरी इंडिकेटर्स का उपयोग करना जरूरी है।

उदाहरण रणनीति:

इंडिकेटर सिग्नल कार्यवाही

RSI < 30 ओवरसोल्ड Call Option की तैयारी करें
OI बढ़ रहा डिमांड बढ़ रही सपोर्ट मजबूत
IV कम है प्रीमियम सस्ता ऑप्शन खरीदें
वॉल्यूम बढ़ रहा कनफर्मेशन एंट्री लें

 

ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए कुछ पॉपुलर टूल्स

1. Sensibull – IV, OI, Strategy Builder

2. Opstra – Greeks, Payoff Graphs

3. TradingView – इंडिकेटर एनालिसिस के लिए बेस्ट चार्टिंग प्लेटफॉर्म

4. NSE Website – Real-time OI और Option Chain Data

 

टिप्स: ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होने के लिए

1. केवल टेक्निकल इंडिकेटर पर निर्भर न रहें, मार्केट सेंटिमेंट भी देखें।

2. बिना स्टॉप लॉस के ऑप्शन ट्रेडिंग न करें।

3. ट्रेडिंग से पहले प्लान बनाएं और वही फॉलो करें।

4. न्यूज, रिजल्ट और बड़े इवेंट के समय IV ज्यादा होता है – संभलकर ट्रेड करें।

5. पेपर ट्रेडिंग करके रणनीति को पहले टेस्ट करें।

 

निष्कर्ष

ऑप्शन ट्रेडिंग में “Implied Volatility” और “Open Interest” सबसे महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स माने जाते हैं। इनके साथ-साथ मूविंग एवरेज, RSI और वॉल्यूम मिलकर आपको बेहतर निर्णय लेने में मदद करते हैं।

याद रखें, कोई भी इंडिकेटर गारंटी नहीं देता कि ट्रेड सफल ही होगा, लेकिन इनका सही उपयोग आपके फैसलों को मजबूत और जोखिम को नियंत्रित कर सकता है।

सुझाव↙️

यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग में नए हैं, तो शुरुआत छोटे निवेश और पेपर ट्रेडिंग से करें। धीरे-धीरे अनुभव के साथ आप इन इंडिकेटर्स को बेहतर समझ पाएंगे।

 

 

 

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