जैसा आप सभी जानते हैं | कि investing setup बिल्कुल जेनुइन इनफॉरमेशन प्रोवाइड करतl है | और मैं 2019 से इंवॉल्व हूं इसी एक्सपीरियंस से स्टॉक मार्केट इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग और भी बहुत सरे ऑनलाइन अर्निंग से रिलेटेड आर्टिकल मिल जाएगा | जो फाइनेंशली फ्रीडम अचीव कर सकते हैं इस लेख को ध्यान पूर्वक से पढ़े। इस आर्टिकल में पोजीशनल ट्रेडिंग क्या है इसी के विषय में जानकारी दी गई हैं
पोजीशन ट्रेडिंग क्या है?
पोजीशन ट्रेडिंग शेयर मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें ट्रेडर या निवेशक किसी स्टॉक, इंडेक्स, कमोडिटी या करेंसी को लंबे समय के लिए होल्ड करता है — हफ्तों, महीनों या कई बार सालों तक — ताकि बड़े प्राइस मूव का फायदा उठा सके।
इसे आप ऐसे समझें👇
इंट्राडे ट्रेडिंग → दिन भर में खरीदना और बेचना।
स्विंग ट्रेडिंग → कुछ दिन या हफ्तों तक होल्ड करना।
पोजीशन ट्रेडिंग → कई महीने या साल तक होल्ड करना।
मतलब, अगर आप किसी कंपनी का स्टॉक खरीदते हैं और सोचते हैं, “ये 6 महीने या 1 साल में दोगुना हो सकता है”, तो आप पोजीशन ट्रेडिंग कर रहे हैं।
पोजीशन ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
पोजीशन ट्रेडिंग का बेसिक आइडिया है —
> “Trend को पकड़ो, और तब तक होल्ड करो जब तक वह बड़ा फायदा न दे दे।”
इसमें आपको चार्ट एनालिसिस (Technical Analysis) और कंपनी या सेक्टर का फंडामेंटल एनालिसिस दोनों समझना ज़रूरी है, ताकि आप सही एंट्री और एग्ज़िट ले सकें।
स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
1. ट्रेंड पहचानना
मार्केट में अभी कौन सा सेक्टर या स्टॉक अपट्रेंड (ऊपर जाने वाला) है, ये पता करें।
2. टेक्निकल और फंडामेंटल चेक
फंडामेंटल: कंपनी का प्रॉफिट, सेल्स, ग्रोथ, मैनेजमेंट, सेक्टर पोज़िशन।
टेक्निकल: मूविंग एवरेज, ट्रेंडलाइन, सपोर्ट-रेज़िस्टेंस।
3. एंट्री पॉइंट
सही समय पर खरीदें — आमतौर पर तब जब ट्रेंड कन्फर्म हो और स्टॉक ब्रेकआउट दे रहा हो।
4. होल्ड करना
धैर्य रखें। पोजीशन ट्रेडिंग में “जल्दी बेचने की आदत” नुकसान कर सकती है।
5. एग्ज़िट पॉइंट
टार्गेट पूरा होते ही बेचें या ट्रेंड रिवर्स होते ही बाहर निकल जाएं।
पोजीशन ट्रेडिंग का उदाहरण
मान लीजिए 2020 में टाटा मोटर्स का स्टॉक ₹70 पर था।
उस समय ऑटो सेक्टर में रिकवरी के संकेत मिल रहे थे, और कंपनी के EV (Electric Vehicle) प्लान चर्चा में थे।
अगर आपने रिसर्च करके ₹70 पर खरीदा और 1-1.5 साल तक होल्ड किया, तो 2022 में ये ₹500 के आसपास चला गया।
मतलब — आपका पैसा लगभग 7 गुना हो गया।
यही पोजीशन ट्रेडिंग का असली जादू है — लंबा धैर्य, बड़ा फायदा।
पोजीशन ट्रेडिंग के लिए ज़रूरी स्किल्स
1. फंडामेंटल एनालिसिस
कंपनी का बैलेंस शीट पढ़ना
प्रॉफिट और लॉस ट्रेंड देखना
सेक्टर की ग्रोथ संभावना
2. टेक्निकल एनालिसिस
चार्ट पैटर्न पहचानना (ब्रेकआउट, फ्लैग, कप एंड हैंडल)
मूविंग एवरेज (50-DMA, 200-DMA)
वॉल्यूम एनालिसिस
3. धैर्य और डिसिप्लिन
मार्केट के छोटे उतार-चढ़ाव से परेशान न होना
अपने प्लान पर टिके रहना
4. रिस्क मैनेजमेंट
एक ही स्टॉक में बहुत ज्यादा पैसा न लगाना
स्टॉप लॉस और टार्गेट सेट करना
पोजीशन ट्रेडिंग और निवेश में फर्क
फैक्टर पोजीशन ट्रेडिंग लॉन्ग-टर्म निवेश
होल्डिंग टाइम कुछ महीने से 2-3 साल 5-10 साल या उससे ज्यादा
फोकस प्राइस ट्रेंड + फंडामेंटल फंडामेंटल ग्रोथ
एग्ज़िट प्लान टार्गेट या ट्रेंड रिवर्स रिटायरमेंट या लंबे गोल
एनालिसिस टेक्निकल + फंडामेंटल मुख्यतः फंडामेंटल
पोजीशन ट्रेडिंग के फायदे
1. बड़ा प्रॉफिट पोटेंशियल
लंबी मूव पकड़ने से बड़ा रिटर्न मिलता है।
2. कम ट्रेडिंग फ्रिक्वेंसी
रोज़-रोज़ ट्रेड करने की ज़रूरत नहीं।
3. टाइम की बचत
ऑफिस, बिजनेस या पढ़ाई करने वालों के लिए आसान।
4. कम स्ट्रेस
इंट्राडे जैसी टेंशन नहीं।
पोजीशन ट्रेडिंग के नुकसान / रिस्क
1. मार्केट रिवर्सल रिस्क
अचानक ट्रेंड बदलने पर नुकसान हो सकता है।
2. कैपिटल ब्लॉक होना
लंबे समय तक पैसा एक स्टॉक में फंसा रहता है।
3. धैर्य की परीक्षा
छोटे उतार-चढ़ाव में पैनिक होकर बेच सकते हैं।
4. गैप-डाउन ओपनिंग रिस्क
ओवरनाइट न्यूज़ से प्राइस अचानक गिर सकता है।
पोजीशन ट्रेडिंग के लिए बेस्ट स्ट्रेटेजीज़
1. ट्रेंड फॉलोइंग स्ट्रेटेजी
अपट्रेंड में खरीदो, डाउनट्रेंड में बेचो।
200-DMA से ऊपर के स्टॉक्स में ट्रेड करो।
2. ब्रेकआउट ट्रेडिंग
जब कोई स्टॉक लंबे समय के रेज़िस्टेंस को तोड़ता है, तब एंट्री लो।
3. सेक्टर-आधारित पोजीशन
किसी ग्रोथ सेक्टर (जैसे EV, Renewable Energy, Pharma) में अच्छे स्टॉक्स चुनना।
4. फंडामेंटल + टेक्निकल कॉम्बो
दोनों एनालिसिस को मिलाकर हाई-कन्फिडेंस ट्रेड बनाना।
रिस्क मैनेजमेंट टिप्स
हमेशा स्टॉप लॉस लगाएं, भले ही आप लंबा होल्ड कर रहे हों।
एक ट्रेड में अपने पोर्टफोलियो का 10-15% से ज्यादा पैसा न लगाएं।
समय-समय पर रिव्यू करें — अगर कंपनी का बिजनेस बिगड़ रहा है, तो बाहर निकलें।
कौन लोग पोजीशन ट्रेडिंग करें?
जिनके पास मार्केट देखने का ज्यादा टाइम नहीं है।
जो लंबी अवधि का ट्रेंड पकड़ना चाहते हैं।
जिनका धैर्य अच्छा है और भावनाओं पर कंट्रोल है।
निष्कर्ष↙️
पोजीशन ट्रेडिंग एक स्मार्ट और कम तनाव वाली ट्रेडिंग स्टाइल है, जिसमें सही स्टॉक और सही समय पर एंट्री लेकर लंबा होल्ड करने से बड़े मुनाफे कमाए जा सकते हैं।
लेकिन याद रखें — इसमें भी रिस्क है, इसलिए रिसर्च + डिसिप्लिन + रिस्क मैनेजमेंट तीनों ज़रूरी हैं।
अगर आप जल्दबाज़ी के बजाय धैर्य से काम कर सकते हैं, तो पोजीशन ट्रेडिंग आपके लिए एक बेहतरीन तरीका हो सकता है मार्केट में अच्छा रिटर्न पाने का।